अष्टशती
From जैनकोष
आचार्य समन्तभद्र (ई. श. 2) कृत आप्तमीमांसा या देवागमस्तोत्रपर 800 श्लोक प्रमाण आ. अकलंक भट्ट (ई. श. 7) द्वारा रचित न्यायपूर्ण व्याख्या।
( तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा , पृष्ठ 2/317)।
आचार्य समन्तभद्र (ई. श. 2) कृत आप्तमीमांसा या देवागमस्तोत्रपर 800 श्लोक प्रमाण आ. अकलंक भट्ट (ई. श. 7) द्वारा रचित न्यायपूर्ण व्याख्या।
( तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा , पृष्ठ 2/317)।