मोक्षपाहुड गाथा 0
From जैनकोष
Title: अथ मोक्षपाहुड ॐ नम: सिद्धेभ्य: । अथ मोक्षपाहुड की वचनिका लिख्यते । प्रथम ही मंगल के लिये सिद्धों को नमस्कार करते हैं -
( दोहा ) अष्ट कर्म को नाश करि, शुद्ध अष्ट गुण पाय । भये सिद्ध निज ध्यानतैं, नमूं मोक्षसुखदाय ।।१।।