नि:शल्य अष्टमी व्रत
From जैनकोष
१६ वर्ष पर्यन्त प्रति भाद्रपद शुक्ला ८ को उपवास करे। तीन बार देव पूजा करे। तथा नमस्कार मन्त्र का त्रिकाल जाप्य करे। (व्रत विधान संग्रह/पृ.१०१) (किशनसिंह क्रियाकोश)।
१६ वर्ष पर्यन्त प्रति भाद्रपद शुक्ला ८ को उपवास करे। तीन बार देव पूजा करे। तथा नमस्कार मन्त्र का त्रिकाल जाप्य करे। (व्रत विधान संग्रह/पृ.१०१) (किशनसिंह क्रियाकोश)।