पूजाराध्यक्रिया
From जैनकोष
दीक्षान्वय की पाँचवीं क्रिया । इसमें जिनेन्द्र-पूजा और उपवासपूर्वक द्वादशांग का अर्थ सुना जाता है । महापुराण 38.64, 39.49
दीक्षान्वय की पाँचवीं क्रिया । इसमें जिनेन्द्र-पूजा और उपवासपूर्वक द्वादशांग का अर्थ सुना जाता है । महापुराण 38.64, 39.49