व्ययहारपल्योपगम
From जैनकोष
व्यवहारपल्य गर्त में भरे गये अविभाज्य भेंड़ के बालों में से सौ-सौ वर्ष में एक-एक बाल को निकालते हुए उन समस्त बालों को निकालने में जितना समय लगे वह व्यवहार पल्योपगम काल कहलाता है । हरिवंशपुराण 7. 47-49, देखें व्यवहारपल्य