सीमन्तक
From जैनकोष
धर्मा पृथिवी का प्रथम इन्द्रक बिल । इसकी चारो दिशाओं मई उनचास-उनचास और प्रत्येक विदिशा में अड़तालीस-अड़तालीस श्रेणिबद्ध बिल है । हरिवंशपुराण 4.76, 87, 89
धर्मा पृथिवी का प्रथम इन्द्रक बिल । इसकी चारो दिशाओं मई उनचास-उनचास और प्रत्येक विदिशा में अड़तालीस-अड़तालीस श्रेणिबद्ध बिल है । हरिवंशपुराण 4.76, 87, 89