आकिंचन्य
From जैनकोष
धर्मध्यान संबंधी उत्तम क्षमा आदि दस भावनाओं के अन्तर्गत एक भावना । कायोत्सर्ग पूर्वक शरीर से ममता त्याग कर त्रियोग द्वारा इसका अनुष्ठान किया जाता है । महापुराण 36.157-158, पांडवपुराण 23.66, वीरवर्द्धमान चरित्र 6.13
धर्मध्यान संबंधी उत्तम क्षमा आदि दस भावनाओं के अन्तर्गत एक भावना । कायोत्सर्ग पूर्वक शरीर से ममता त्याग कर त्रियोग द्वारा इसका अनुष्ठान किया जाता है । महापुराण 36.157-158, पांडवपुराण 23.66, वीरवर्द्धमान चरित्र 6.13