अनुवादी
From जैनकोष
षडज्र, ऋषभ, गान्धार, मध्यम, पंचम, धैवत और निषाद इन सात प्रकार के स्वरों के प्रयोग करने के चार प्रकारों में चौथा प्रकार । हरिवंशपुराण 19.153, 154
षडज्र, ऋषभ, गान्धार, मध्यम, पंचम, धैवत और निषाद इन सात प्रकार के स्वरों के प्रयोग करने के चार प्रकारों में चौथा प्रकार । हरिवंशपुराण 19.153, 154