अन्वयदत्ति
From जैनकोष
चार दत्तियों में चौथी दत्ति । इसमें अन्वय (वंश) की प्रतिष्ठा के लिए पुत्र को समस्त कुल परम्परा तथा धन के साथ अपना कुटुम्ब समर्पित किया जाता है । इसे सकलदत्ति भी कहते हैं । महापुराण 38.40 देखें दत्ति
चार दत्तियों में चौथी दत्ति । इसमें अन्वय (वंश) की प्रतिष्ठा के लिए पुत्र को समस्त कुल परम्परा तथा धन के साथ अपना कुटुम्ब समर्पित किया जाता है । इसे सकलदत्ति भी कहते हैं । महापुराण 38.40 देखें दत्ति