उचवृत्ति
From जैनकोष
खेत की भूमि पर बिखरे धान्य की बालियों को एकत्र करके उनसे अपनी जीविकायापन करना । हरिवंशपुराण 42.14-17 देखें सुमित्र
खेत की भूमि पर बिखरे धान्य की बालियों को एकत्र करके उनसे अपनी जीविकायापन करना । हरिवंशपुराण 42.14-17 देखें सुमित्र