उपमन्यु
From जैनकोष
भरतक्षेत्र की गान्धारी नगरी के राजा भूति का मांसभोजी अधर्मकर्मी पुरोहित । अन्त में सदुपदेश से यह पंच नमस्कार मंत्र का ध्यान करते हुए मरण कर भूति का अरिसूदन नाम का पौत्र हुआ । पद्मपुराण 31.41, 45-46
भरतक्षेत्र की गान्धारी नगरी के राजा भूति का मांसभोजी अधर्मकर्मी पुरोहित । अन्त में सदुपदेश से यह पंच नमस्कार मंत्र का ध्यान करते हुए मरण कर भूति का अरिसूदन नाम का पौत्र हुआ । पद्मपुराण 31.41, 45-46