योगसार - चारित्र-अधिकार गाथा 447
From जैनकोष
तीन विशेषणों से विशिष्ट निर्वाणतत्त्व -
तल्लक्षणाविसंवादा निराबाधमकल्मषम् ।
कार्यकारणतातीतं जन्ममृत्युवियोगत: ।।४४७।।
अन्वय :- तत्-लक्षण-अविसंवादा: (निर्वाणतत्त्वस्य लक्षणे अविसंवादा: जिना:) निराबाधं, अकल्मषं, जन्ममृत्युवियोगत: (च) कार्यकारणातीतं (निर्वाणतत्त्वं) कथयन्ति ।
सरलार्थ :- निर्वाण/मोक्षतत्त्व के लक्षण को अत्यन्त स्पष्ट एवं यथार्थ जाननेवाले सर्वज्ञ जिनेंद्रदेव मोक्षतत्त्व को निराबाध, अकल्मष और कार्यकारणातीत - इन तीन विशेषणों से सहित कहते हैं ।