योगसार - निर्जरा-अधिकार गाथा 269
From जैनकोष
आगम-प्रदर्शित अनुष्ठान का कार्य -
प्रदर्शितमनुष्ठानमागमेन तपस्विन: ।
निर्जराकारणं सर्वं ज्ञात-तत्त्वस्य जायते ।।२६९।।
अन्वय :- आगमेन प्रदर्शितं सर्वं अनुष्ठानं ज्ञात-तत्त्वस्य तपस्विन: निर्जरा-कारणं जायते ।
सरलार्थ :- जिनागम के द्वारा प्रदर्शित अनुष्ठान अर्थात् आचरण-पद्धति तत्त्वज्ञ मुनिराजों के ज्ञानावरणादि कर्मो के निर्जरा का कारण होती है ।