चतुर्दशीव्रत
From जैनकोष
14 वर्ष पर्यन्त प्रतिमास की दोनों चतुर्दशियों को 16 पहर का उपवास करे। लौंद के मासों सहित कुल 344 उपवास होते हैं। ‘ॐ ह्रीं अनन्तनाथाय नम:’ इस मन्त्र का त्रिकाल जाप्य। (चतुर्दशी व्रत कथा); (व्रत विधान संग्रह/पृ.124)।
14 वर्ष पर्यन्त प्रतिमास की दोनों चतुर्दशियों को 16 पहर का उपवास करे। लौंद के मासों सहित कुल 344 उपवास होते हैं। ‘ॐ ह्रीं अनन्तनाथाय नम:’ इस मन्त्र का त्रिकाल जाप्य। (चतुर्दशी व्रत कथा); (व्रत विधान संग्रह/पृ.124)।