आर्य
From जैनकोष
हरिवंश पुराण सर्ग १५/श्लोक “विजयार्धपर हरिपुर निवासी पवनवेग विद्याधर का पुत्र था (२३-२४) पूर्व जन्म के वैरीने इसकी समस्त विद्याएँ हर लीं। परन्तु दया से चम्पापुर का राजा बना दिया (४९-५३) इसी के हरि नामक पुत्र से हरिवंश की उत्पत्ति हुई (५७-५८)