तदाहृतादान
From जैनकोष
स.सि./7/27/367/4 अप्रयुक्तेनाननुमतेन च चौरेणानीतस्य ग्रहणं तदाहृतादानम् ।=अपने द्वारा अप्रयुक्त और असंमत चोर के द्वारा लायी हुई वस्तु का ले लेना तदाहृतादान है। (रा.वा./7/27/2/554/8)।
स.सि./7/27/367/4 अप्रयुक्तेनाननुमतेन च चौरेणानीतस्य ग्रहणं तदाहृतादानम् ।=अपने द्वारा अप्रयुक्त और असंमत चोर के द्वारा लायी हुई वस्तु का ले लेना तदाहृतादान है। (रा.वा./7/27/2/554/8)।