संघ के देशीयगण की गुर्वावली के अनुसार (–देखें इतिहास ) आप गोलाचार्य के शिष्य तथा अभयनन्दि के गुरु थे। समय–वि.920-930। (ई0863-873); (ष.खं./2/प्र./4 H.L.jain); (पं.वि./प्र./28 A.N. up)–देखें इतिहास /7/5।
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