दर्शनोपयोग
From जैनकोष
उपयोग का एक भेद-अनाक।र-अविकल्प उपयोग । यह वस्तु को सामान्य रूप से ग्रहण करता है । इसके चार भेद हैं― चक्षुदर्शन, अचक्षुदर्शन, अवधिदर्शन और केवलदर्शन । महापुराण 24.100-102, पद्मपुराण 105.147-148 पांडवपुराण 22.71
उपयोग का एक भेद-अनाक।र-अविकल्प उपयोग । यह वस्तु को सामान्य रूप से ग्रहण करता है । इसके चार भेद हैं― चक्षुदर्शन, अचक्षुदर्शन, अवधिदर्शन और केवलदर्शन । महापुराण 24.100-102, पद्मपुराण 105.147-148 पांडवपुराण 22.71