देवेंद्र सूरि
From जैनकोष
कर्मविपाक, कर्मस्तव, बन्धस्वामित्व, षडशीति, शतक तथा इन पांचों की स्वोपज्ञ टीका के रचयिता गुरु जगच्चन्द्र सूरि। समय–वि.श.13 के अन्त से वि.1327 तक। (जै./1/436)।
कर्मविपाक, कर्मस्तव, बन्धस्वामित्व, षडशीति, शतक तथा इन पांचों की स्वोपज्ञ टीका के रचयिता गुरु जगच्चन्द्र सूरि। समय–वि.श.13 के अन्त से वि.1327 तक। (जै./1/436)।