१. कल्पवासी देवोंका एक भेद व उनका अवस्थान - देखे स्वर्ग ३/५; २. स्वर्गोंका पन्द्रहवाँ कल्प - देखे स्वर्ग ५/२; ३. आरण स्वर्गका द्वितीय पटल व इन्द्रक विमान - देखे स्वर्ग ५/३।