धर्मप्रभावना
From जैनकोष
सम्यग्दर्शन का आठवाँ अंग । संसार में फैले हुए मिथ्यात्व के अन्धकार को नष्ट करने वाले जैनशासन का प्रसार करना । महापुराण 24.11, वीरवर्द्धमान चरित्र 6.70
सम्यग्दर्शन का आठवाँ अंग । संसार में फैले हुए मिथ्यात्व के अन्धकार को नष्ट करने वाले जैनशासन का प्रसार करना । महापुराण 24.11, वीरवर्द्धमान चरित्र 6.70