निधत्ताविधत्तक
From जैनकोष
अग्रायणीपूर्व की पंचम वस्तु के बीस प्राभृतों में कर्म प्रकृति नामक चतुर्थ प्राभृत के चौबीस योगद्वारों में बीसवाँ योगद्बार । हरिवंशपुराण 10.81-85 देखें अग्रायणीयपूर्व
अग्रायणीपूर्व की पंचम वस्तु के बीस प्राभृतों में कर्म प्रकृति नामक चतुर्थ प्राभृत के चौबीस योगद्वारों में बीसवाँ योगद्बार । हरिवंशपुराण 10.81-85 देखें अग्रायणीयपूर्व