निसृष्टार्थ
From जैनकोष
सन्देशवाहक सर्वश्रेष्ठ दूत । यह स्वयं विचार करके राजा का सन्देश यथोचित रूप से सम्बद्ध व्यक्ति तक पहुँचाता है । कार्य में सफलता प्राप्त करना उसका उद्देश्य होता है । महापुराण 43.202
सन्देशवाहक सर्वश्रेष्ठ दूत । यह स्वयं विचार करके राजा का सन्देश यथोचित रूप से सम्बद्ध व्यक्ति तक पहुँचाता है । कार्य में सफलता प्राप्त करना उसका उद्देश्य होता है । महापुराण 43.202