पवनकुमार
From जैनकोष
देवों की एक जाति । ये शीतल, मन्द और सुगन्धित वायु का संचालन करते हुए मन्द-मन्द गति से चलते हैं । महापुराण 13.209
देवों की एक जाति । ये शीतल, मन्द और सुगन्धित वायु का संचालन करते हुए मन्द-मन्द गति से चलते हैं । महापुराण 13.209