पिंजरा
From जैनकोष
ध. 13/5,3,30/34/9 तित्तिरलावादिधरणट्ठं रइदकलिंजकलावो पंजरो णाम। = तीतर और लाव आदि के पकड़ने के लिए जो अनेक छोटी-छोटी पंचे लेकर बनाया जाता है उसे पिंजरा कहते हैं।
ध. 13/5,3,30/34/9 तित्तिरलावादिधरणट्ठं रइदकलिंजकलावो पंजरो णाम। = तीतर और लाव आदि के पकड़ने के लिए जो अनेक छोटी-छोटी पंचे लेकर बनाया जाता है उसे पिंजरा कहते हैं।