पुरोधस्
From जैनकोष
पुरोहित । यह भरतेश चक्रवर्ती के चौदह रत्नों में एक सजीव रत्न था । इसकी एक हजार देव रक्षा करते थे । यह चक्रवर्ती का मार्गदर्शक था । महापुराण 28.60, 37.83-86, हरिवंशपुराण 11. 108-109
पुरोहित । यह भरतेश चक्रवर्ती के चौदह रत्नों में एक सजीव रत्न था । इसकी एक हजार देव रक्षा करते थे । यह चक्रवर्ती का मार्गदर्शक था । महापुराण 28.60, 37.83-86, हरिवंशपुराण 11. 108-109