प्रकीर्णक देव
From जैनकोष
स. सि./4/4/239/6 प्रकीर्णकाः पौरजानपदकल्पाः। = जो गाँव और शहर में रहनेवालों के समान हैं उन्हें प्रकीर्णक कहते हैं। (रा.वा./4/4/8/213/8); (म.पु./22/29)।
ति.प./3/67 पइण्णया पुरिजणसरिच्छा। = प्रकीर्णक देव पौर जन अर्थात् प्रजा के सदृश होते हैं। (त्रि.सा./223-224)।
- भवनवासी आदि के इन्द्रों के परिवार में प्रकीर्णकों का प्रमाण - देखें भवनवासी आदि देव । वह वह नाम।