मलयगिरि
From जैनकोष
== सिद्धांतकोष से ==
सिद्धांतकोष से
‘‘कर्म प्रकृति/293’’, सित्तरि या सप्ततिका ।318।, पञ्चसंग्रह ।360। आदि श्वेताम्बर ग्रन्थों के टीकाकार एक प्रसिद्ध श्वेताम्बराचार्य । समय–‘कर्मप्रकृति’ की टीकायें गंर्गर्षि (वि. श. 10) और पञ्चसंग्रह की रचना गुजरात के चालुक्यवंशी नरेश के शासन काल में होने की सूचना उपलब्ध होने से इनको हम वि.श.12 के पूर्वार्ध में स्थापित कर सकते हैं ।360। (जै./1/पृष्ठ संख्या) ।
पुराणकोष से
प्रसिद्ध श्वेताम्बर टीकाकार।–देखें परिशिष्ट ।
पुराणकोष से
दक्षिण भारत का एक पर्वत । यहाँ भरतेश चक्रवर्ती ने विजय प्राप्त की थी । सह्य पर्वत इसके निकट था । यहाँ भील रहते थे । किन्नर देवियों का भी यहाँ गमनागमन था । पाण्डव विहार करते हुए यहाँ आये थे । महापुराण 30.26-17, हरिवंशपुराण 54.74