महात्मा
From जैनकोष
== सिद्धांतकोष से ==
प्र.सा./ता.वृ./92/116/15–मोक्षलक्षणमहार्थसाधकत्वेन महात्मा। = मोक्ष लक्षण वाले महाप्रयोजन को साधने के कारण श्रमण को महात्मा कहते हैं।
पुराणकोष से
(1) सौधर्मेन्द्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25. 259
(2) क्षमाधारी पुरुष । अपराधियों के अपराध क्षमा करना ही इनका स्वभाव होता है । महापुराण 45.12