महाव्रत
From जैनकोष
== सिद्धांतकोष से == देखें व्रत ।
पुराणकोष से
महाव्रतियों का एक आचार धर्म । इस व्रत में हिंसा, शुरू, चोरी, कुशील और परिग्रह इन पांच पापों का सूक्ष्म और स्थूल दोनों रूप से त्याग करके अहिंसा, सत्य, अचौर्य, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह का निरतिचार पूर्ण रूप से पालन किया जाता है । महापुराण 39.3-4, पद्मपुराण 4.48, हरिवंशपुराण 2, 117-121, 18.43
(2) सौधर्मेन्द्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25.162