यष्टि
From जैनकोष
(1) कुलकर क्षेमन्धर द्वारा करू पशुओं से रक्षा करने के लिए बताया गया एक शस्त्र-लाठी । महापुराण 3. 105, पद्मपुराण 62.7
(2) मोती और रत्नों से निर्मित हार । यह शीर्षक, उपशीर्षक, अवघाटक, प्रकाण्डक और तरलप्रबन्ध के भेद से पाँच प्रकार का होता है । लड़ियों के भेद से इसके पचपन भेद होते हैं । महापुराण 16.46-47, 63-64