वानप्रस्थ
From जैनकोष
चा.सा./46/3 वानप्रस्थ अपरिगृहीतजिनरूपा वस्त्रखण्धारिणो निरतिशयतपःसमुद्यता भवन्ति। = जिन्होंने भगवान् अर्हंतदेव का दिगम्बर रूप धारण नहीं किया है, जो खण्डवस्त्रों को धारण कर निरतिशय तपश्चरण करने में तत्पर रहते हैं, उन्हें वानप्रस्थ कहते हैं।