विजयस्यंदन
From जैनकोष
(1) राजा अतिवीर्य और रानी अरविन्दा का पुत्र । पद्मपुराण 38.1 देखें विजयसुन्दरी
(2) वज्रबाहु का बाबा । अपने नाती के दीक्षित हो जाने पर यह भोगों से उदासीन हो गया था । अत इसने छोटे पोते पुरन्दर को राज्य सौंपकर पुत्र सुरेन्द्रमन्यु के साथ निर्वाणघोष मुनि से दीक्षा ले ली थी । पद्मपुराण 21.128-129, 138-139