शतायुध
From जैनकोष
कौरवों का पक्षधर एक राजा । इसने कृष्ण और अर्जुन को दुःसाध्य समझकर देवी गदा का स्मरण किया था । जैसे ही गदा इसके हाथ आयी कि इसने कृष्ण के गले पर उससे प्रहार किया था । यह गदा कृष्ण के पास पुष्पहार की भांति लटक गयी थी और उससे सुगन्ध फैलने लगी थी । कृष्ण ने इसी गदा से इसे मारा था । पांडवपुराण 20.131-139