श्रुतस्कंध व्रत
From जैनकोष
इस व्रत की विधि उत्तम, मध्यम व जघन्य के भेद से तीन प्रकार की है - उत्तमविधि - भाद्रपद कृ.1 से आश्विन कृ.2 तक 32 दिन में एक उपवास एक पारणा क्रम से 16 उपवास करे। मध्यम विधि - भाद्रपद कृ.6 से शुक्ला 15 तक 20 दिन में उपरोक्त ही प्रकार 10 उपवास करे। लघुविधि - भाद्रपद शुक्ला 1 से आश्विन कृ.1 तक 16 दिनों में उपरोक्त ही प्रकार 8 उपवास करे। तीनों ही विधियों में 'ओं ह्रीं श्रीजिनमुखोद्भूतस्याद्वादनयगर्भितद्वादशांगश्रुतज्ञानाय नम:' इस मन्त्र का त्रिकाल जाप करे। (व्रत विधान सं./70); (किशनसिंह कृत क्रियाकोष)।