श्वेतपंचमीव्रत
From जैनकोष
आषाढ़, कार्तिक व फाल्गुन, तीनों में से किसी भी मास में प्रारम्भ करके 65 महीनों तक बराबर प्रत्येक मास शु.5 को उपवास करे। तथा नमस्कार मन्त्र का त्रिकाल जाप करे। (वसुनन्दि श्रावकाचार/353-362), (धर्मपरीक्षा/20/14), (व्रत-विधान संग्रह/पृ.88)।