अतत्
From जैनकोष
1. पंचाध्यायी / पूर्वार्ध श्लोक 312 तदतद्भावविचारे परिणामो विसदृशोऽथसदृशो वा ॥312॥
= तत् व अतत् भाव के विचार में परिणामों की सदृशता विसदृशता का भेद होता है; 2. द्रव्य में तत्-अतत् धर्म - देखें अनेकांत - 4, 5।
1. पंचाध्यायी / पूर्वार्ध श्लोक 312 तदतद्भावविचारे परिणामो विसदृशोऽथसदृशो वा ॥312॥
= तत् व अतत् भाव के विचार में परिणामों की सदृशता विसदृशता का भेद होता है; 2. द्रव्य में तत्-अतत् धर्म - देखें अनेकांत - 4, 5।