अनुकृष्टि
From जैनकोष
लब्धिसार / मूल या टीका गाथा 43/77/5 अनुकृष्ट्यद्धा एकसमयपरिणामनानाखण्डसंख्येत्यर्थः।
= अनुकृष्टिका गच्छ, एक एक समय सम्बन्धी परिणामनि विषैं एते एते खण्ड हो हैं ऐसा अर्थ है।
(विशेष देखें गणित - II.6.2)
लब्धिसार / मूल या टीका गाथा 43/77/5 अनुकृष्ट्यद्धा एकसमयपरिणामनानाखण्डसंख्येत्यर्थः।
= अनुकृष्टिका गच्छ, एक एक समय सम्बन्धी परिणामनि विषैं एते एते खण्ड हो हैं ऐसा अर्थ है।
(विशेष देखें गणित - II.6.2)