पुरुषार्थ नय
From जैनकोष
प्रवचनसार/ आ./परि.नय नं. 32 पुरुषाकारनयेन पुरुषाकारोपलब्धमधुकुक्कुटीकपुरुषकारवादीवद्यत्न-साध्यसिद्धिः। 32। = आत्मद्रव्यपुरुषकार नय से जिसकी सिद्धि यत्न साध्य है, जिसे पुरुषकार से नींबू का वृक्ष प्राप्त होता है ऐसे पुरुषाकारवादी की भाँति।