- सानत्कुमार स्वर्ग का प्रथम पटल व इन्द्रक - देखे स्वर्ग ५/३।
- पूर्व विदेहस्थ एक वक्षार, उसका कूट व रक्षक देव - देखे लोक ५/३।
3. पूर्व विदेहस्थ वैश्रवण वक्षारका एक कूट व उसका रक्षक देव - देखे लोक ५/४।
- रुचक पर्वतस्थ एक कूट - देखे लोक ५/१३। ५. मानुषोत्तर पर्वतस्थ एक कूट - देखे लोक ५/१०।