रुक्मि
From जैनकोष
- राजवार्तिक/3/11/9/183/28 रुक्मसद्भावाद्गुरुमीत्यभिधानम्। = (रम्यक क्षेत्र के उत्तर में स्थित पूर्वापर लम्बायमान वर्षधर पर्वत है) क्योंकि इसमें चाँदी पायी जाती है इसलिए इसका रुक्मि नाम रूढ है।
- रुक्मिपर्वत के विस्तारादि के लिए−देखें लोक - 6.4।
- रुक्मि पर्वतस्थ एक कूट−देखें लोक - 5.4,
- रुक्मि पर्वतस्थ रुक्मि कूट का स्वामी−देखें लोक - 5.4। कुण्डिनपुर के राजा भीष्म का पुत्र था। बहन रुक्मिणी के कृष्ण द्वारा हर लिये जाने पर कृष्ण से युद्ध किया, जिसमें बन्दी बना लिया गया। ( हरिवंशपुराण/42/95 )।