स्वाद्य
From जैनकोष
मू.आ./644सादंति सादियं भणियं।644।=जिससे मुख का स्वाद किया जाये, इलायची आदि स्वाद्य कहा है।
अनगारधर्मामृत/7/13 स्वाद्यं ताम्बूलादि। =पान, सुपारी, इलायची आदि तथा अनार, सन्तरा, ककड़ी आदि भक्ष्य पदार्थ स्वाद्य हैं।
ला.सं/2/16 स्वाद्यं तु भोगार्थ ताम्बूलादि यथागमात् ...।16। =भोगों के लिए आगमानुकूल ताम्बूल आदि पदार्थ स्वाद्य कहलाते हैं।