दीति
From जैनकोष
हरिवंशपुराण/22/51-55 यह धरणेन्द्र की देवी है। इसने धरणेन्द्र की आज्ञा से तपभ्रष्ट नमि तथा विनमि को विद्याएँ तथा औषधियाँ दी थीं।
हरिवंशपुराण/22/51-55 यह धरणेन्द्र की देवी है। इसने धरणेन्द्र की आज्ञा से तपभ्रष्ट नमि तथा विनमि को विद्याएँ तथा औषधियाँ दी थीं।