नागार्जुन
From जैनकोष
- एक बौद्ध विद्वान् । इनके सिद्धान्तों का समन्तभद्र स्वामी (वि.श.2-3) ने बहुत खण्डन किया है, अत: आप उनसे भी पहले हुए हैं। ( रत्नकरण्ड श्रावकाचार/ प्र.8/पं.परमानन्द)
- आप आ-पूज्यपाद की कमलनी नामक छोटी बहन जो गुणभट्ट नामक ब्राह्मण के साथ परणी थी, उसके गर्भ से उत्पन्न हुए थे। आ.पूज्यपाद स्वामी ने इनको पद्मावती देवी का एक मंत्र दिया था, जिसे सिद्ध करके इन्होंने स्वर्ण बनाने की विद्या प्राप्त की थी। पद्मावती देवी के कहने से इसने एक जिनमन्दिर भी बनवाया था। समय–पूज्यपाद से मिलान करने पर इनका समय लगभग वि.481 (ई.424) आता है। ( सर्वार्थसिद्धि/ प्र.84/पं.नाथूराम प्रेमी के लेख से उद्धृत)