अरनाथ
From जैनकोष
- (महापुराण सर्ग संख्या ६५/श्लो.नं.) पूर्वके तीसरे भवमें कच्छदेशकी क्षेमपुरी नगरीके राजा `धनपति' थे।
- पूर्वके भवमें जयन्त विमानमें अहमिन्द्र हुए। ८-१। वर्तमानभवमें १८वें तीर्थंकर हुए। (विशेष देखे तीर्थंकर /५) (युगपत् सर्व भव दे. म. पु./६५/५०)
- भावी बारहवें तीर्थंकरका भी यही नाम है। अपर नाम पूर्वबुद्धि है। (विशेष देखे तीर्थंकर /५)