अनंतदेव
From जैनकोष
सप्तभंग तरंङ्गिनी पृष्ठ अन्तिम प्रशस्ति-"आप दिगम्बराचार्य थे।" शिष्य विमलदास नामा एक गृहस्थ था। समय-प्लवङ्ग संवत्सर (?)।
सप्तभंग तरंङ्गिनी पृष्ठ अन्तिम प्रशस्ति-"आप दिगम्बराचार्य थे।" शिष्य विमलदास नामा एक गृहस्थ था। समय-प्लवङ्ग संवत्सर (?)।