अलका
From जैनकोष
- विजयार्धकी उत्तर श्रेणीका एक नगर- देखे [[विद्याधर; <]] /LI>
- पूर्वके दूसरे भवमें `रेवती' नामकी धाय थी। इसने कृष्णके पूर्व भवमें अर्थात् निर्नामिककी पर्यायमें उसका पालन किया था/१४४-१४५। वर्तमान भवमें भद्रिला नगरमें सुदृष्टि नामा सेठकी स्त्री हुई ।।१६७।। इसने कृष्ण के छः भाइयोंकी अपने छः मृत पुत्रोंके बदलेमें पाला था ।।३५-३९।।