कारुण्य
From जैनकोष
== सिद्धांतकोष से == देखें करुणा ।
पुराणकोष से
संवेग और वैराग्य के लिए साधनभूत तथा अहिंसा के लिए आवश्यक मैत्री, प्रमोद, कारुण्य और माध्यस्थ इन चार भावनाओं में तृतीय भावना । इसमें दीन-दु:खी जीवों पर दया के भाव होते हैं । महापुराण 20-65