अनंतसुख
From जैनकोष
सिद्ध के आठ गुणों में एक गुण― मोहनीय कर्म के क्षय से भोग करने योग्य पदार्थों में उत्कण्ठा का अभाव । महापुराण 20. 222-223, 42.44,100
सिद्ध के आठ गुणों में एक गुण― मोहनीय कर्म के क्षय से भोग करने योग्य पदार्थों में उत्कण्ठा का अभाव । महापुराण 20. 222-223, 42.44,100