व्यंतरी
From जैनकोष
श्री, ह्री, धृति, कीर्ति, बुद्धि और लक्ष्मी व्यन्तर-देवियां । छहों क्रमश: पद्म, महापद्म, तिगच्छ, केसरी, महापुण्डरीक और पुण्डरीक ह्रदों में निवास करती है । महापुराण 63.197-198, 200
श्री, ह्री, धृति, कीर्ति, बुद्धि और लक्ष्मी व्यन्तर-देवियां । छहों क्रमश: पद्म, महापद्म, तिगच्छ, केसरी, महापुण्डरीक और पुण्डरीक ह्रदों में निवास करती है । महापुराण 63.197-198, 200